" सागर तरंग " माझ्या कविता
Wednesday, July 9, 2008
जरा अपनाके तो देखिये हमे |
इतने भी क्या खफां हो हमसे
के आप हमे दोस्त मानते नहीं
जरा अपनाके तो देखिये हमे
शायद जिंदगीभर आप साथ छोडेंगे नही
- (कधी कधी शायर असलेला) सागर
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)